ICC का बड़ा एक्शन: वर्ल्ड कप के बीच श्रीलंका बोर्ड को किया सस्पेंड, यह है कारण

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नई दिल्ली. क्रिकेट की वर्ल्ड संस्था इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी ने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है. यह फैसला इसलिए भी अहम है, क्योंकि अभी वर्ल्ड कप के मुकाबले खेले जा रहे हैं. टूर्नामेंट में टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. खराब प्रदर्शन के बाद श्रीलंकाई सरकार ने पूरे बोर्ड को बर्खास्त कर दिया था. इसके बाद राष्ट्रपति ने भी जांच के लिए अपनी ओर से कमेटी बनाई है. आईसीसी ने इसे सरकार की ओर से बोर्ड के कामकाज में दखलंदाजी माना है. इस कारण उसे सस्पेंड करने का फैसला किया है. श्रीलंका को वर्ल्ड कप में अफगानिस्तान तक से हार झेलनी पड़ी थी.

आईसीसी ने पूरे मामले को लेकर बताया, आज हमारे बोर्ड ने बैठक के बाद निर्णय लिया है कि श्रीलंका क्रिकेट एक सदस्य के रूप में अपने दायित्वों का गंभीर उल्लंघन कर रहा है. विशेष रूप से अपने मामलों को स्वायत्त रूप से संभालने में. उसे यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि उसके काम-काज में सरकार की ओर से कोई हस्तक्षेप ना हो. हालांकि सस्पेंशन के लिए क्या शर्त लगाई गई है. इस पर अभी फैसला नहीं लिया गया है.

आईसीसी की बैठक 18-21 नवंबर के बीच अहमदाबाद में होनी है. आईसीसी बोर्ड ने श्रीलंका बोर्ड को लेकर शुक्रवार को ऑनलाइन बैठक की. जानकारी के अनुसार, आईसीसी श्रीलंका बोर्ड के भीतर हर जगह सरकारी हस्तक्षेप से चिंतित था. ऐसा समझा जाता है कि आईसीसी ने एसएलसी को अपने फैसले से अवगत करा दिया है और उन्हें बताया है कि 21 नवंबर को आईसीसी बोर्ड की बैठक में अगले कदम पर फैसला किया जाएगा. मालूम हो कि पिछले दिनों खेल मंत्री रोशन रणसिंघे ने बोर्ड को बर्खास्त कर दिया और पूर्व अर्जुन रणतुंगा की अध्यक्षता में एक अंतरिम समिति का गठन किया. हालांकि एक ही दिन बाद श्रीलंका की अदालत ने 14 दिन का स्टे देते हुए बोर्ड को फिर से बहाल कर दिया था.

खिलाडिय़ों का क्या होगा?

वर्ल्ड कप 2023 की बात करें, श्रीलंका की टीम 9 में से 2 ही मैच जीत सकी थी. उसके 2025 में होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी में क्वालीफाई करने पर संशय बना हुआ है. सस्पेंशन के बाद खिलाडिय़ों पर शायद ही कोई असर पड़े. लेकिन आईसीसी श्रीलंका बोर्ड के रेवेन्यू को रोक सकता है. साथ ही उनसे मेजबानी भी छीन सकता है. अगले साल जनवरी-फरवरी में श्रीलंका में अंडर-19 वर्ल्ड कप होना है. ऐसे में इसकी मेजबानी मसला नहीं सुलझने पर दूसरे देश को दी जा सकती है.

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