टेबलेट खरीदने में रूचि नहीं दिखाई शिक्षकों ने

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डेढ़ लाख को दिए पैसे, 16 हजार शिक्षकों ने खरीदे टेबलेट
भोपाल। डिजीटल शिक्षा को बढ़ावा देने का सरकार का सपना अधूरा रह गया। शिक्षकों को इसे लिए टेबलेट खरीदने के लिए शिक्षा विभाग ने पैसे भी दिए, मगर शिक्षकों ने टेबलेट खरीदे ही नहीं। एक साल पहले करीब डेढ़ लाख शिक्षकों को विभाग ने पैसे दिए थे, मगर उनमें से मात्र 16 हजार शिक्षकों ने ही टेबलेट खरीदे हैं।
शिक्षा विभाग द्वारा डिजिटल पढ़ाई को फोकस करते हुए शिक्षकों को प्रशिक्षित कर आनलाइन पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया गया। इसके लिए पिछले साल नवंबर माह में करीब डेढ़ लाख शिक्षकों को टेबलेट खरीदने के लिए विभाग ने पैसे भी दिए, मगर शिक्षकों ने इसे ज्यादा गंभीरता से लिया ही नहीं। प्रदेश के जिन शिक्षकों को डेबलेट खरीदने के लिए पैसे दिए, उनमें से मात्र 16 हजार शिक्षकों ने ही टेबलेट खरीदे।  प्रदेश के जिन शिक्षकों ने टैब खरीदा था, उनकों इसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय में रसीद जमा करनी थी। अभी तक केवल 16 हजार शिक्षकों ने ही ये रसीद जमा की है। वहीं टैब खरीदने के करीब 32 हजार शिक्षकों ने पंजीयन विभाग में करवाया था, लेकिन महीनों के बीते जाने के बावजूद भी शिक्षकों की लेटलतीफी के चलते आज भी हजारों बच्चे ऑनलाइन शिक्षा से वंचित हैं।
गौरतलब है कि स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को टैबलेट लेने के लिए पिछले साल नवंबर में आदेश जारी किए गए थे। लोक शिक्षण संचालनालय ने ने 20 नवंबर तक टैबलेट खरीदने और सत्यापन की कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं, ताकि स्कूल खुलने के बाद शिक्षक टैबलेट से पढ़ाई करा सकें। साथ ही सभी शिक्षकों को टैबलेट खरीदने और उसका उपयोग विद्यार्थियों को शिक्षण कार्य में करने के निर्देश दिए गए हैं।

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