चुनाव परिणाम के बाद नौकरशाहों की बढ़ेगी मुसीबत

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भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों के निशाने पर अधिकारी
भोपाल। विधानसभा चुनाव के नतीजों के पहले राज्य के आईएएस और आईपीएस अधिकारी सत्ताधारी दल और विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। मतगणना के पहले और बाद तक नौ जिलों के कलेक्टर और पांच पुलिस अधीक्षक इन दलों के निशाने पर हैं। इनकी शिकायतें भी चुनाव आयोग को की गई थी। माना जा रहा है कि चुनाव परिणाम के बाद इन पर गाज गिरना तय है।
विधानसभा के नतीजें आने के पहले राज्य के नौ कलेक्टर और पांच पुलिस अधीक्षकों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। इनके खिलाफ चुनाव के दौरान भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने मोर्चा खोला था और इनकी शिकायतें भी चुनाव आयोग को की गई थी।  निष्पक्ष काम न करने, किसी एक दल विशेष के पक्ष में काम करने करने जैसी शिकायतें इन अधिकारियों को लेकर राजनीतिक दलों द्वारा की गई थी। इतना ही नहीं मतदान और मतगणना को प्रभावित करने जैसी शिकायतें भी हैं। जिन जिला कलेक्टरों की शिकायतें की गई उनमें  रिजु बाफना कलेक्टर, नरसिंहपुर, भास्कर लक्षकार कलेक्टर, रतलाम, संजीव श्रीवास्तव  कलेक्टर, भिंड,  सुभाष कुमार द्विवेदी कलेक्टर, अशोकनगर, दीपक आर्य कलेक्टर, सागर, साकेत मालवीय कलेक्टर, सीधी, अनुराग वर्मा कलेक्टर, सतना, संदीप माकिन कलेक्टर, दतिया और संदीप जीआर कलेक्टर छतरपुर हैं। इसके अलावा शैलेंद्र सिंह चौहान मुरैना पुलिस अधीक्षक, प्रदीप शर्मा दतिया पुलिस अधीक्षक, आदित्य प्रताप सिंह जबलपुर पुलिस अधीक्षक, अंकित जायसवाल निवाड़ी पुलिस अधीक्षक और अमित सांघी छतरपुर पुलिस अधीक्षक के नाम शामिल हैं।
डेढ़ दर्जन राज्य प्रशासनिक अधिकारियों की भी शिकायत
भाजपा और कांग्रेस द्वारा कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के अलावा राज्य प्रशासनिक अधिकारियों की भी शिकायतें की गई है। करीब 20 राज्य प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ ये शिकायतें चुनाव आयोग को की गई है।

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