घंटो लाईन में खड़े रहने पर खाली हाथ लौट रहे किसान
भोपाल। प्रदेश में रबी बुवाई के लिए किसानों को पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रही है। समिति केन्द्रों पर घंटों लाईन में खड़े रहने के बाद भी किसान खाली हाथ लौट रहे है। प्रदेश में बोनी के सीजन में किसानों को हर साल खाद की किल्लत का सामना करना पड़ता है, फिर चाहे वो रबी हो या खरीफ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पिछले दिनों अधिकारियों को निर्देश देने के बाद भी किसान खाद के लिए परेशान हो रहा है।
प्रदेश में किसानों के लिए खाद परेशानी का सबब बन चुकी है। इस बार रबी सीजन में भी प्रदेश के किसान यूरिया, डी ए पी के लिए खासा परेशान हो रहे हैं। शुरुआत में तो प्रशासन ने चुनाव का बहाना बनाया, लेकिन अब जब मतदान संपन्न हो गया है उसके बाद भी खाद की किल्लत जस की तस बनी हुई है। प्रशासनिक लापरवाही के चलते किसानों को दिनभर कतार में लगने के बाद भी खाद नहीं मिल पा रही है। प्रदेश भर में खाद की वितरण व्यवस्था भी लचर बनी हुई है। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले कुछ दिनों में प्रदेश में मावठा गिर सकता है, जिसके बाद फिर किसानों को खाद की जरूरत होगी, लेकिन सवाल यह है कि खाद मिलेगी कैसे? मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव से फुर्सत होते ही उर्वरक वितरण की समीक्षा भी की है, लेकिन फिलहाल इस समस्या का समाधान नजर नहीं आ रहा है।
उधर कृषि विभाग के अधिकारी इस बात का दावा कर रहे हैं कि डीएपी, यूरिया सहित अन्य खाद पर्याप्त मात्रा में है परन्तु आचार संहिता, चुनाव ड्यूटी के चलते यह स्थिति बनी है। वहीं प्रधानमंत्री के फोटो खाद की बोरियों पर होने कारणों से उपलब्धता एवं वितरण व्यवस्था गड़बड़ गई, जो किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई। यहां उल्लेखनीय है कि सागर सहित कई स्थानों पर आचार संहिता के चलते खाद की बोरियों पर प्रधानमंत्री के फोटो होने की शिकायत कांग्रेस ने की थी। इसके चलते खाद का वितरण रूक गया था।
भोपाल। प्रदेश में रबी बुवाई के लिए किसानों को पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रही है। समिति केन्द्रों पर घंटों लाईन में खड़े रहने के बाद भी किसान खाली हाथ लौट रहे है। प्रदेश में बोनी के सीजन में किसानों को हर साल खाद की किल्लत का सामना करना पड़ता है, फिर चाहे वो रबी हो या खरीफ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पिछले दिनों अधिकारियों को निर्देश देने के बाद भी किसान खाद के लिए परेशान हो रहा है।
प्रदेश में किसानों के लिए खाद परेशानी का सबब बन चुकी है। इस बार रबी सीजन में भी प्रदेश के किसान यूरिया, डी ए पी के लिए खासा परेशान हो रहे हैं। शुरुआत में तो प्रशासन ने चुनाव का बहाना बनाया, लेकिन अब जब मतदान संपन्न हो गया है उसके बाद भी खाद की किल्लत जस की तस बनी हुई है। प्रशासनिक लापरवाही के चलते किसानों को दिनभर कतार में लगने के बाद भी खाद नहीं मिल पा रही है। प्रदेश भर में खाद की वितरण व्यवस्था भी लचर बनी हुई है। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले कुछ दिनों में प्रदेश में मावठा गिर सकता है, जिसके बाद फिर किसानों को खाद की जरूरत होगी, लेकिन सवाल यह है कि खाद मिलेगी कैसे? मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव से फुर्सत होते ही उर्वरक वितरण की समीक्षा भी की है, लेकिन फिलहाल इस समस्या का समाधान नजर नहीं आ रहा है।
उधर कृषि विभाग के अधिकारी इस बात का दावा कर रहे हैं कि डीएपी, यूरिया सहित अन्य खाद पर्याप्त मात्रा में है परन्तु आचार संहिता, चुनाव ड्यूटी के चलते यह स्थिति बनी है। वहीं प्रधानमंत्री के फोटो खाद की बोरियों पर होने कारणों से उपलब्धता एवं वितरण व्यवस्था गड़बड़ गई, जो किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई। यहां उल्लेखनीय है कि सागर सहित कई स्थानों पर आचार संहिता के चलते खाद की बोरियों पर प्रधानमंत्री के फोटो होने की शिकायत कांग्रेस ने की थी। इसके चलते खाद का वितरण रूक गया था।