भोपाल। प्रदेश के 7 लाख से अधिक नियमित कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत वृद्धि के लाभ के लिए अभी और इंतजार करना होगा। चुनाव आयोग ने वित्त विभाग को महंगाई भत्ता 42 से बढ़ाकर 46 प्रतिशत करने की अनुमति नहीं दी है।
चुनाव आयोग ने वित्त विभाग को महंगाई भत्ता 42 से बढ़ाकर 46 प्रतिशत करने की अनुमति नहीं दी है। जबकि, छत्तीसगढ़ सरकार को इसकी अनुमति दी जा चुकी है। केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता और पेंशनरों की महंगाई राहत जुलाई में ही 42 से बढ़ाकर 46 प्रतिशत कर चुकी है। वित्त विभाग ने भी इसका प्रस्ताव दस नवंबर को भेजा था,लेकिन 17 नवंबर को मतदान के कारण अनुमति नहीं दी गई। तब से ही यह मामला अटका हुआ है।
वित्त विभाग ने दोबारा प्रस्ताव भी बनाकर प्रशासकीय अनुमति के लिए भेजा, लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ। जबकि, छत्तीसगढ़ सरकार को महंगाई भत्ता बढ़ाने की अनुमति मिल चुकी है। उधर, वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कई विभागों में वेतन के बिल बन चुके हैं। अब यदि अनुमति मिल भी जाती है तो नवंबर के वेतन में यह वृद्धि शामिल नहीं हो पाएगी। प्रदेश में कर्मचारियों का 42 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। पेंशनरों की महंगाई राहत में वृद्धि के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति लेनी होगी। इसके लिए वित्त विभाग द्वारा अलग प्रस्ताव भेजा जाएगा।