रुद्रप्रयाग/चमोली. उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम की पहली बर्फबारी हुई. रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ समेत कई जिले में बर्फबारी देखने को मिली. मौसम विभाग ने इस सप्ताहांत पर्वतीय जिलों के 3000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना जताई है. केदारनाथ धाम, बद्रीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब में भी हिमपात हुआ. वहीं कुछ जगह बारिश हुई. बारिश-बर्फबारी की वजह से निचले इलाकों में ठंड बढ़ गई. मिली जानकारी के अनुसार, केदारनाथ में करीब डेढ़ फीट तक बर्फ गिर गई है. आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है.
कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के चलते मौसम खराब बना रहा. मंगलवार सुबह से केदारनाथ धाम में बर्फबारी होने लगी. कुछ हिस्सों में बुधवार तक रुक-रुककर बर्फबारी हुई. वहीं चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ धाम समेत ऊंचाई वाले इलाकों में भी हिमपात हुआ. औली में बर्फबारी से पर्यटकों के चेहरे खिल उठे. सैलानियों ने बर्फबारी के जमकर लुत्फ उठाया. माना जा रहा है कि इस बार उत्तराखंड में अच्छा हिमपात होगा, जिससे यहां पर्यटन कारोबार अच्छा रहेगा.
पहाड़ों में जहां बारिश और बर्फबारी हो रही है, वहीं इसके चलते मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ गई है. कोहरा भी परेशानी का सबब बना हुआ है. बीते दो दिनों से हरिद्वार, नैनीताल (मैदानी क्षेत्र) और उधम सिंह नगर जिले में सुबह काफी कोहरा देखने को मिल रहा है. कोहरे की वजह से कई ट्रेनें भी रद्द कर दी गई हैं, जिसके चलते यात्रियों को परेशानी हो रही है. मौसम विभाग के निदेशक डॉ बिक्रम सिंह ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से उत्तराखंड के कुछ जिलों में बारिश, बर्फबारी और ओलावृष्टि की संभावना है. 30 नवंबर को राज्य के सभी जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है.