भोपाल। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों, शासकीय एवं निजी चिकित्सालयां को निर्देश दिए हैं कि विगत सप्ताहों मे चीन में बच्चों में श्वसन की बीमारी के प्रकरणों को देखते हुए सतर्कता बरतें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने सभी मेडिकल कॉलेजों, शासकीय एवं निजी चिकित्सालयों को निर्देश दिए हैं कि विगत सप्ताहों मे चीन में बच्चों में श्वसन की बीमारी के प्रकरणों में बढोत्तरी के दृष्टिगत एडवाइजरी जारी की है। डा. तिवारी ने बताया कि वर्तमान में उपलब्ध जानकारी के अनुसार श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि मुख्य रूप से बच्चों में हो रही है और यह इन्फ्लूएंजा, माइक्रोप्लाज्मा निमोनिया आदि जैसे सामान्य कारणां से होती है। उन्होंने कहा कि लोक स्वास्थ्य एवं समस्त शासकीय एवं निजी अस्पताल की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। इसमें स्वास्थ्य सुविधाओं में अपेक्षित मानव संसाधन, अस्पताल के बिस्तर, जांच एवं परीक्षण, दवा एवं कंज्यूमेब्लस् के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं में संक्रमण नियंत्रण प्रथाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में एपिडिमियोलॉजी के दृष्टिकोण से न्यूनतम लक्षण वाले कोविड-19 पॉजिटिव प्रकरण कम संख्या में लगातार पाए जा रहे है। इन प्रकरणों की चिकित्सालयों में भर्ती दर तथा मृत्यु दर अत्यन्त कम है। सतत् निगरानी, लक्षित केस प्रबंधन एवं उच्च टीकाकरण कवरेज द्वारा कोविड-19 प्रकरणों में कमी देखी गई है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने सभी मेडिकल कॉलेजों, शासकीय एवं निजी चिकित्सालयों को निर्देश दिए हैं कि विगत सप्ताहों मे चीन में बच्चों में श्वसन की बीमारी के प्रकरणों में बढोत्तरी के दृष्टिगत एडवाइजरी जारी की है। डा. तिवारी ने बताया कि वर्तमान में उपलब्ध जानकारी के अनुसार श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि मुख्य रूप से बच्चों में हो रही है और यह इन्फ्लूएंजा, माइक्रोप्लाज्मा निमोनिया आदि जैसे सामान्य कारणां से होती है। उन्होंने कहा कि लोक स्वास्थ्य एवं समस्त शासकीय एवं निजी अस्पताल की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। इसमें स्वास्थ्य सुविधाओं में अपेक्षित मानव संसाधन, अस्पताल के बिस्तर, जांच एवं परीक्षण, दवा एवं कंज्यूमेब्लस् के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं में संक्रमण नियंत्रण प्रथाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में एपिडिमियोलॉजी के दृष्टिकोण से न्यूनतम लक्षण वाले कोविड-19 पॉजिटिव प्रकरण कम संख्या में लगातार पाए जा रहे है। इन प्रकरणों की चिकित्सालयों में भर्ती दर तथा मृत्यु दर अत्यन्त कम है। सतत् निगरानी, लक्षित केस प्रबंधन एवं उच्च टीकाकरण कवरेज द्वारा कोविड-19 प्रकरणों में कमी देखी गई है।