भोपाल। विधानसभा चुनाव परिणाम सामने आने के बाद ईवीएम एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ईवीएम को अपने निशाने पर लिया है। उन्होंने चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट से भी गुहार लगाई है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर ईवीएम को लेकर सवाल खड़े किए हैं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद उन्होंने ये सवाल उठाए हैं। उन्होंने 199 विधान सभा सीटों पर पोस्टल बैलेट में मिले कांग्रेस को वोट और ईवीएम में मिले कांग्रेस के वोटों का आकलन करने की बात कही है। सिंह का कहना है वोटिंग पेटर्न में इतना बदलाब कैसे हो सकता है। जिन सीटों पर पोस्टल बैलेट में कांग्रेस जीत रही है वहां ईवीएम में हार रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर पोस्ट कर ईवीएम का ये राग छेड़ा है। उन्होंने कई देशों में ईवीएम पर रोक होने का भी हवाला दिया है। उन्होंने कहा कि तस्वीरों के आंकड़ों में एक प्रमाण है जो यह बताता है कि पोस्टल बैलेट के ज़रिए हमें यानी कांग्रेस को 199 सीटों पर बढ़त है। जबकि इनमें से अधिकांश सीटों पर ईवीएम काउंटिंग में हमें मतदाताओं का पूर्ण विश्वास न मिल सका। यह भी कहा जा सकता है कि जब तंत्र जीतता है तो जनता (यानी लोक) हार जाती है।
चिप वाली मशीन को किया जा सकता है हैक
सिंह का कहना है कि चिप वाली किसी भी मशीन को हैक किया जा सकता है। मैंने 2003 से ही ईवीएम द्वारा मतदान का विरोध किया है। क्या हम अपने भारतीय लोकतंत्र को पेशेवर हैकरों द्वारा नियंत्रित करने की अनुमति दे सकते हैं! यह मौलिक प्रश्न है, जिसका समाधान सभी राजनीतिक दलों को करना होगा। चुनाव आयोग और सर्वोच्च न्यायालय क्या आप कृपया हमारे भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करेंगे?