कुछ ने निर्दलीय तो कुछ ने अपने नेताओं को बताया हार का कारण

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भाजपा ने की हारी सीटों की समीक्षा, लोकसभा के लिए तय किया लक्ष्य
भोपाल। भाजपा ने आज हारी हुई 67 विधानसभा सीटों की समीक्षा की और हार के कारण जानने चाहे। बैठक में ष्शामिल हुए हारे प्रत्याशियों में से कुछ ने निर्दलीय प्रत्याशियों और अपने ही दल के नेताओं को हार का कारण बताया तो कुछ प्रत्याशियों ने बसपा के प्रत्याशियों को दूसरे दल के प्रत्याशी से मिलकर चुनाव लड़ने को हार का जिम्मेदार बताया।
प्रदेश भाजपा संगठन द्वारा लोकसभा चुनाव की तैयारी के चलते दो दिनों से पदाधिकारियों के साथ बैठकें की जा रही है। इसके चलते आज हारी 67 सीटों पर हार का कारण जानने हारे हुए प्रत्याशियों के साथ बैठक की। इस बैठक में कुछ हारे प्रत्याशी शामिल नहीं हुए, हालांकि बताया जा रहा है कि उन्होंने संगठन को इसकी जानकारी दे दी थी। बैठक में शामिल हुए ग्वालियर-चंबल और विंध्य अंचल के हारे प्रत्याशियों ने अपनी हार का जिम्मेदारी बसपा उम्मीदवारों को बताया। उनका कहना था कि बसपा उम्मीदवार एनवक्त पर उनके क्षेत्र में उतरे नहीं या फिर जो मैदान में थे, वे दूसरे उम्मीदवारों के साथ मिलकर काम कर रहे थे। इसके चलते भाजपा का समीकरण बिगड़ा। वहीं कुछ उम्मीदवारों ने अपनी हार का कारण पार्टी से नाराज होकर निर्दलीय मैदान में उतरे प्रत्याशियों को बताया। हारे उम्मीदवारों ने कहा कि इन प्रत्याशियों और उनके समर्थकों ने उनके पक्ष में कार्य नहीं किया, बल्कि निर्दलीय के पक्ष में पूरे समय मैदान में रहे। इसके चलते हार का सामना करना पड़ा।
इतिहास बनाएंगे लोकसभा चुनाव में
बैठक खत्म के बाद प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि हार के कारण पर मंथन हुआ है। आगामी प्लानिंग के साथ लोकसभा चुनाव में काम करेंगे। विकसित भारत संकल्प यात्रा को ताकत देंगे। हर विधानसभा को जीतने का टारगेट है, लोकसभा चुनाव में इतिहास बनाएंगे। बूथ में वोट शेयर बढ़ाएंगे। बीजेपी ने 64 विधानसभा में मिली हार की समीक्षा की। बीजेपी हमेशा से जीत और हार की समीक्षा करती है। आज प्रचंड बहुमत की जीत के बाद ऐसे प्रत्याशी जिन्हे सफलता नहीं मिली उनके साथ हमारी बैठक थी। आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी की दृष्टि से इन विधानसभा सीटों पर क्या कमी रह गई उन्हें दूर करेंगे। 10 उम्मीदवार हमारे बहुत कम मतों से हारे हैं। हारी हुई सीटों पर भारत संकल्प यात्रा का एम्बेसडर बनाएंगे। 51 प्रतिशत वोट प्रतिशत का हमारा संकल्प था। विधानसभा के बाद अब लोकसभा में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इतिहास बनाएंगे।

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