रेंजर ने एसडीओ को धमकाया, आग लगा दूंगा, तितरान्या रेंज आकर तो दिखाओ

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*जंगल महकमे में एक और ऑडियो वायरल, डीएफओ बोले, स्पष्टीकरण मांगा  है
भोपाल. जंगल महकमे में ऑडियो वायरल करने का एक सिलसिला चल पड़ा है. पिछले दिनों बैतूल में एक रेंजर सुनील जैन ने सीसीएफ एके सिंह को धमकाने जैसा ऑडियो वायरल हुआ था. इस मामले का पटाक्षेप होने से पहले अब खरगोन वन मंडल से एक ऑडियो वायरल हुआ है. इस ऑडियो में रेंजर पीयूष प्रसाद चौधरी अपने भीकनगांव के एसडीओ (फारेस्ट) दिनेश वास्कले को आग लगाने जैसे धमकी देते सुनाई दे रहे हैं. इस इस ऑडियो को लेकर वास्कले ने अपने डीएफओ प्रशांत सिंह को लिखित शिकायत भी कर दी है.
खरगोन वन मंडल के भीकनगांव वन मंडलाधिकारी दिनेश वास्कले और उनके अधीनस्थ तितरान्या रेंजर पीयूष प्रसाद चौधरी के बीच मोबाइल फोन पर हुई वार्तालाप का ऑडियो 6 दिसंबर को वायरल हुई. ऑडियो वायरल होने को लेकर खरगोन डीएफओ प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि एसडीओ और रेंजर  के बीच हुई वार्तालाप संबंधित ऑडियो उनके पास भी है. इस ऑडियो को लेकर रेंजर से स्पष्टीकरण मांगा है. स्पष्टीकरण आने के बाद ही उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.  26 दिन बीत जाने के बाद रेंजर के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया. अब ऑडियो की क्लिप विभाग के मुखिया आरके गुप्ता तक भी पहुंच गई है.
रेंजर ने एसडीओ को क्यों धमकाया?
दरअसल भीकनगांव एसडीओ दिनेश वास्कले की पदस्थापना के एक महीने ही हुए हैं. पदस्थापना के बाद से एसडीओ  वास्कले तितरान्या रेंज में दो बार क्षेत्र भ्रमण करने पहुंचे. दोनों ही बार निरीक्षण के दौरान रेंजर गैरहाजिर रहे. निरीक्षण के दौरान ही उन्हें जानकारी मिली कि वे महीने में 20 दिन इंदौर में रहते हैं. इसी बात को लेकर इसी बात को लेकर एसडीओ रेंजर ने चौधरी को एक पत्र लिखा. पत्र मिलने के बाद ही रेंजर ने मोबाइल फोन पर एसडीओ को धमकाया.
ऑडियो में बातचीत के प्रमुख अंश
रेंजर – नमस्कार सर, शादी है ग्वालियर के लिए निकलूंगा.
एसडीओ-अच्छा ठीक है. साहब को बता देना.
रेंजर- साहब को बता दिया है. साहब बोले आवेदन दे देना. सीएल के आवेदन पोर्टल पर देना पड़ता है. मोटर पर आवेदन करने पर सब को पता चल जाता है. मैं डिवीजन में दे देता हूं.
एसडीओ- ठीक है, हमें भी दे देना. व्हाट्सएप पर भेज देना.
रेंजर- आपको भी डाल दूंगा. दूसरा यह बोल रहा हूं कि मुझे तो नहीं पता लेकिन कुछ लोग मेरे खिलाफ आपको गलत तरीके से बता रहे हैं.
एसडीओ- कुछ नहीं…मेरे को कोई इंटरेस्ट नहीं है.
रेंजर- कारण क्या है एक दो लोग है, जो न्यूसेंस पहले भी करते रहें हैं. हालांकि आपको भी दो-चार महीने बाद लगने लगेगा. मुझसे नहीं, किसी से पूंछ लेना पहले भी तितरान्या रेंज मुख्यालय पर रेंजर रहता कौन था.
एसडीओ- नहीं तो आप आवेदन दे दो कि मैं इंदौर से नौकरी करूंगा.
रेंजर- मैं यह बता रहा हूं कि कोई भी रेंजर मुख्यालय पर नहीं रहता. यह नहीं कह रहा हूं कि मैं इंदौर से नौकरी करूंगा. इसके पहले मैं 6 महीने तक फैमिली लेकर तितरान्या में रहा हूं. अभी फैमिली शिफ्ट हुई है इसलिए सटरडे-संडे इंदौर जाता हूं. एसडीओ- हो गया ना आपने बता तो दिया.
रेंजर- आप सुनना ही नहीं चाहते हो. क्या आपको मेरे से फाइट करना है? आप बायस होकर काम करना चाहते हैं. लड़ना है तो वह भी बता दो. मेरे सब्र का इंतिहान मत लेना. मैं आग लगा दूंगा.
एसडीओ- कहां आग लगाओगे?
रेंजर- तितरान्या आकर बताओ. जितने उड़ रहे हो तो मैं बता दूंगा.
एसडीओ- बात करने का तरीका सुधार लो.
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बैतूल रेंजर सुनील जैन के मामले पर नहीं हुई कार्यवाही
इसके पहले बैतूल के रेंजर सुनील जैन और सीसीएफ एके सिंह के बीच हुई वार्तालाप का ऑडियो वायरल हुआ था. इसकी जांच अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एसपी शर्मा ने की. एसपी शर्मा ने अपनी रिपोर्ट भी सबमिट कर दी है. रिपोर्ट की आंतरिक जानकारी तो नहीं मिली है किंतु सूत्रों ने बताया कि जांच अधिकारी ने यह पाया कि रेंजर सुनील जैन ने सीसीएफ जो आरोप लगाए है, वह तथ्यपरक नहीं है. शर्मा ने अपनी रिपोर्ट वन बल प्रमुख को सौंप दी है. एक-दो दिन में रिपोर्ट पर निर्णय लेने की संभावना है.

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