यूपी के अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर हर तरफ उत्साह का माहौल है. देशभर से श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे है. ऐसे में मुम्बई की शबनम भी हिजाब पहनकर अयोध्या जाने पैदल यात्रा पर निकली है. शबनम आज एमपी के देवास पहुंची. यहां पर हिंदू संगठनों ने भगवा पगड़ी पहनाकर शबनम का स्वागत किया. शबनम के माथे पर लाल तिलक लगा है, बैग पर पवनपुत्र का ध्वज है.
इस मौके पर शबनम ने कहा कि न रुपया लगेगा, न खर्चा लगेगा.. एक बाद जय श्री राम बोलकर देखो अच्छा लगेगा. राम सबके है मैं उनके दर्शन करने जा रही हूं. उनकी पूजा करने के लिए हिंदू होना जरूरी नहीं है. ये धर्म के ठेकेदार हम जैसे मिडिल क्लास वालों को डराते हैं. शाहरुख-सलमान तो मंदिर जाते हैं उनके खिलाफ फतवा जारी करके दिखाएं. शबनम ने कहा कि कालेज में फस्र्ट ईयर तक पढ़ाई की है, बचपन से ही घूमने का शौक है. रामजी अपने घर विराज रहे हैं तो मन में आया कि उनके दर्शन के लिए चलें. इस कारण 21 दिसंबर को दो दोस्तों के साथ पैदल ही मुंबई से यात्रा पर निकल गई. पहली बार ऐसी यात्रा पर निकली हूं. इसके लिए कोई प्री प्लानिंग नहीं थी. सबकुछ एक सप्ताह में हुआ.
रोज 40 किलोमीटर पैदल चलते है-
शबनम ने कहा कि वह रोज करीब 40 किलोमीटर तक यात्रा करते है, अब तक 600 किलोमीटर चल चुके है, रात को कहीं सुरक्षित स्थान पर रुक जाते है. रास्ते में लोगों का बहुत सहयोग मिल रहा है. वैसे तो हमारे पार टेंट है लेकिन स्वागत के लिए जगह जगह लोग मिलते है. हमें घर का बना खाना खिलाते है. वे कहते हैं कि जब हमारे रामजी को घर मिल गया है तो हमारी बहन जो उनके दर्शन को जा रही है. उसे घर क्यों नहीं मिलेगा. मुंबई से हम तीन लोग निकले थे लेकिन आज ऐसा लग रहा है पूरा भारत हमारे साथ चल रहा है. महाराष्ट्र से ज्यादा प्यार एमपी में मिल रहा है.
राम की पूजा करने हिन्दू होने की आवश्यकता नहीं-
शबनम का कहना है कि राम की पूजा करने के लिए हिंदू होने की आवश्यकता नहीं है, बस दिल साफ होना चाहिए. यदि आप अच्छे इंसान हैं तो राम जी आपके हैं वे सबके हैं. मैं मुस्लिम हूं तो ऐसा नहीं है कि मैं क्यों रामजी के लिए जा रही हूं. मेरा यह मानना है कि मैंने हिंदुस्तान की धरती पर जन्म लिया है. बाप-दादा ने पड़ोसी मुल्क का रास्ता नहीं चुना. बचपन से मैं रामजी के बारे में सुनती आ रही हूं. रामायण, महाभारत देखी है. रामलीला देखी है. रामजी के बारे में जानने के लिए काफी उत्सुकता है. मैं अक्सर मथुरा जाती हूं. वहां बहुत सुकून मिलता है. आप तो यह मान लीजिए कि मुंबई मेरा पहला घर है तो मथुरा दूसरा.
संवेदनशील क्षेत्रों में नकारात्मक परिस्थितियों का सामना करना पड़ा-
शबनम ने चर्चा के दौरान कहा कि मुझे परिवार का पूरा सपोर्ट है. हर दिन परिजनों से बात होती है. यात्रा के शुरुआती दिनों में महाराष्ट्र्र में संवदेनशील क्षेत्रों से गुजरी तो कुछ नकारात्मक परिस्थितियों का सामना करना पड़ा. दो दिन पहले भी 31 दिसंबर की रात कुछ लोगों ने पीछा कर परेशान करने की कोशिश की. लेकिन यात्रा के प्रति मेरा हौसला कमजोर नहीं होगा.
भारत में रहने वाले सभी हिन्दू है-
शबनम का कहना है कि मेरे खिलाफ वीडियो बनाए जा रहे है, सोशल मीडिया पर मुझे कहा जा रहा है कि मैं हिंदू हूं. मैं यही कहना चाहूंगी कि भारत देश में रहने वाला हर व्यक्ति हिंदू है, मैं घमंड करती हू कि मैं हिंदू मानती हूं. मैं तो रामजी के पास जा भी रही हूं. ऐसे लोगों को एक ही बात बोलना चाहूंगी कि आपको यह गलत लग रहा है तो वन-ट-वन डिबेट करो.
शाहरुख-सलमान पर फतवा क्यों जारी नहीं करते हैं-
शबनम ने यहां तक कह कि शाहरुख खान, सलमान खान पर फतवा क्यों नहीं जारी करते हैं. वे शिर्डी जाते हैं, मां वैष्णोदेवी जाकर दर्शन करते हैं. गणेशोत्सव मनाते हैं. वे इनके खिलाफ कुछ नहीं बोलते क्योंकि वे पैसे वाले, पावरफुल लोग हैं. हम छोटों को ही टारगेट करते हैं. वहीं शबनम के दोस्त रमनराज शर्मा व विनीत पांडे का कहना है कि सफर को 13 दिन हो चुके हैं. हमने तो सोचा भी नहीं था कि हमें इतना प्यार मिलेगा. रामजी का नाम लेकर निकले थे अब तक 600 किमी चल चुके हैं. वहीं शबनम का कहना है कि ये दोस्त नहीं मेरा परिवार है इनके बिना यह कार्य संभव नहीं था.