ISRO का नया कीर्तिमान: आदित्य-एल1 का सूर्य को हेलो, PM मोदी बोले- विज्ञान की नई सीमाओं को बढ़ाना जारी रखेंगे

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नई दिल्ली. पूरी तरह से स्वदेशी आधारित सूर्य का अध्ययन करने वाला इसरो के आदित्य एल1 यान को आज सफलतापूर्वक उसकी कक्षा में स्थापित कर दिया गया. अंतरिक्ष यान पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज प्वॉइंट 1ट (एल 1) के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में पहुंचा. इसरो की इस सफलता पर पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों की टीम को बधाई दी है.

पीएम मोदी ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर नोट शेयर करते हुए लिखा, भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की. भारत की पहली सौर वेधशाला आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंची. यह सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में राष्ट्र के साथ शामिल हूं. हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे.

मालूम हो कि आदित्य एल1 यान सूर्य के सबसे करीब जाकर इसका अध्ययन करेगा और हमें महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराएगा. एल1 प्वाइंट के आसपास के क्षेत्र को हेलो प्वाइंट कहा जाता है.

प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी इसरो को दी बधाई- भारत के लिए यह साल शानदार रहा. पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, टीम इसरो द्वारा लिखी गई एक और सफलता की कहानी. सूर्य-पृथ्वी कनेक्शन के रहस्यों की खोज के लिए आदित्य एल1 अपनी अंतिम कक्षा में पहुंच गया है.

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