नई दिल्ली. भारत ने अरब सागर में समुद्री निगरानी बढ़ा दी हैं. भारतीय नौसेना ने समुद्री डाकूओं और अपहरण की घटनाओं को देखते हुए यहां 10 युद्धपोत तैनात किए हैं. नौसेना ने 10 दिनों के भीतर यहां युद्धपोतों की संख्या दोगुनी कर दी है. वॉरशिप पर नेवी के हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए हैं.
अरब सागर में समुद्री डाकूओं द्वारा किए गए हाल के हमलों को ध्यान में रखते हुए, बीते दिनों भारतीय नौसेना ने यहां गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता (गाइडेड मिसाइल विध्वंसक) तैनात किए थे. भारत के इस कदम के बाद अब पाकिस्तान ने भी अरब सागर में अपने युद्धपोत तैनात किए हैं. पाकिस्तानी नौसेना का कहना है अरब सागर में हालिया घटनाओं के बाद पाकिस्तान ने ये युद्धपोत तैनात किए हैं. पाकिस्तान का कहना है उसने अपने समुद्री व्यापारिक मार्गों की सुरक्षा नौसेना के लिए अरब सागर में गश्त शुरू की है.
दरअसल हाल ही में हूती विद्रोहियों ने पाकिस्तान जाने वाले एक मालवाहक समुद्री जहाज पर मिसाइल से हमला किया था. इस समुद्री जहाज की कंपनी का कहना था कि किंग अब्दुल्ला पोर्ट, सऊदी अरब से कराची के रास्ते में उसके जहाज पर हुए हमला हुआ था. हालांकि इस हमले में जहाज या उस पर सवार किसी व्यक्ति को क्षति नहीं पहुंची.
वहीं बीते सप्ताह समुद्री डाकुओं ने लाइबेरिया के ध्वज वाले बल्क कैरियर एमवी लीला नॉरफॉक को हाईजैक करने की कोशिश की थी. हालांकि भारतीय नौसेना के पहुंचने पर समुद्री डाकू रात के अंधेरे में भाग खड़े हुए. नेवी ने यहां 15 भारतीय समेत विमान में सवार सभी 21 क्रू मेंबर को सुरक्षित निकाला था.
गौरतलब है कि ऐसी वारदातों के मध्य नजर भारतीय नौसेना ने उत्तर, मध्य अरब सागर और अदन की खाड़ी में निगरानी बढ़ा दी है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय समुद्री डकैती की घटना और भारतीय ईईजेड के करीब एक जहाज पर हाल ही में ड्रोन हमले के मद्देनजर लिया गया है.
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान लाल सागर, अदन की खाड़ी और मध्य-उत्तरी अरब सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों के साथ होने वाली समुद्री सुरक्षा से जुड़ी घटनाओं में वृद्धि देखी गई है. बीते दिनों भारतीय तट से लगभग 700 समुद्री मील दूर एमवी रुएन पर समुद्री डकैती की घटना हुई.
वहीं पोरबंदर से लगभग 220 समुद्री मील दक्षिण पश्चिम में एमवी केम प्लूटो पर हाल ही में ड्रोन हमला हुआ. यह भारतीय ईईजेड के निकट होने वाली समुद्री घटनाओं में बदलाव का संकेत देते हैं. नौसेना ने अब यहां विध्वंसक और युद्धपोत को तैनात किया है. समुद्री गश्ती विमानों से हवाई निगरानी को बढ़ाया गया है.