भुगतान संबंधी लापरवाही हुई तो अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई

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भोपाल। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि राज्य शासन पारदर्शी वित्तीय प्रशासन देने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होने कहा कि वित्तीय अनियमितताओं पर नियंत्रण के लिये डाटा एनालिसिस एवं विभिन्न इंटेलीजेंस टूल आधारित व्यवस्थाओं को लागू किया गया है। इससे संभावित वित्तीय अनियमितताओं पर प्रभावी रोक लगी है। उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाही होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की जाएगी।
उपमुख्यमंत्री जगदीश देवडा ने गलत भुगतान के प्रकरणों में जाँच के निष्कर्ष के आधार पूरे वित्तीय इंटेलीजेंस सिस्टम में सुधार करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही उन्होंने सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को वित्तीय अनुशासन का पालन करने, सतर्क रहने और संवेदनशीलता के साथ भुगतान संबंधी कार्य करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि भुगतान संबंधी लापरवाही के लिये जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध एफआईआर की जाएगी और उन्हें कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि वित्त विभाग में एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली का साफ्टवेयर संचालित है। इसके माध्यम से लगभग 5600 आहरण एवं संवितरण अधिकारियों द्वारा देयकों के भुगतान किये जाते हैं। इनमें प्रदेश के 10 लाख से अधिक कर्मचारियों के वेतन एवं विभिन्न स्वत्वों के भुगतान, कार्यालयीन व्यय, अनुदान, स्कालरशिप आदि के भुगतान भी शामिल हैं। विगत माहों में डाटा एनालिसिस एवं विभिन्न इंटेलीजेंस टूल का उपयोग करते हुए कुछ कार्यालयों में गलत भुगतान के गंभीर प्रकरणों में कार्रवाई की गई है। बीते पांच वित्तीय वर्षों में 85 लाख देयकों से हुए लगभग 15 करोड़ भुगतानों का विश्लेषण किया गया। अनियमितताओं की संभावनाओं वाले क्षेत्रों की पहचान की गई। डाटा के विश्लेषण के लिये मापदण्ड अपनाए गये। गलत भुगतान का पहला प्रकरण कलेक्टर कार्यालय इंदौर में सामने आया। अब तक लगभग 162 करोड़ रुपये के गलत भुगतान पकड़े गये और 15 करोड़ रुपये की वसूली की गई। जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जांच चल रही है। एक प्रकरण में संबंधित कर्मचारी को बर्खास्त किया गया है।

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