कलेक्टर से मुलाकात कर सौंपा ज्ञापन
भोपाल। प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को तीन माह से वेतन नहीं मिला है। वेतन की मांग को लेकर इन कार्यकर्ताओं ने भोपाल कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और आर्थिक स्थिति से जूझने की बात कहते हुए जल्द वेतन दिलाने की मांग की है।
राजधानी भोपाल में मध्यप्रदेश आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ द्वारा मुख्यमंत्री के नाम से कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को ज्ञापन सौंपतें हुए अपनी मांगों से अवगत कराया है। संघ की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रानी मालवीय, जिलाध्यक्ष सुमन नागर, प्रदेश महामंत्री संगीता श्रीवास्तव ने बताया कि मध्यप्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत कार्यरत लगभग एक लाख 35 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को पिछले तीन महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। जबकि शासन के आदेश हैं कि प्रति महीने की पांच तारीख को वेतन दिया जाना चाहिए। साथ ही जो आंगनबाड़ी केंद्र किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं, उनका भी किराया नहीं दिया गया है।
सौतेला व्यवहार कर रही सरकार : कमलनाथ
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वेतन का भुगतान ना किए जाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर सवाल खड़े किए है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमंते तत्र देवता, अर्थात, जहां नारियों की पूजा होती है, वहां देवताओं का वास होता है। यह हमारी भारतीय संस्कृति का शाश्वत उद्घोष है। लेकिन मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने कसम खा रखी है कि महिलाओं का किसी रूप में सम्मान तो क्या सामान्य जीवन भी व्यतीत न हो सके। प्रदेश के 35 जिलों में कार्यरत 60 हजार से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को पिछले 3 महीने से मानदेय नहीं मिला है। एक तरफ केंद्र सरकार बजट में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए बड़ी-बड़ी बातें कर रही है तो दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में उन्हें उनके बुनियादी अधिकार से भी वंचित कर रही है। उन्होंने लिखा कि मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रति इस तरह का उपेक्षापूर्ण और सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है? जब मुख्यमंत्री बार-बार कहते हैं कि प्रदेश में बजट की कमी नहीं है तो फिर मानदेय न देने की और क्या वजह है? मैं मांग करता हूं कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जल्द वेतन का भुगतान किया जाए।