कर्मचारी संघ ने कहा कि 12 साल से नहीं बढ़ाया भत्ता
भोपाल। प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी एक बार फिर सामने आई है। तृतीय कर्मचारी संघ ने 12 साल से वाहन और मकान भत्ता ना बढ़ने के चलते नाराजगी जाहिर की है। संघ का कहना बै कि 12 साल से कर्मचारियों को भत्ते के सिर्फ दो सौ रूपए मिल रहे है, जबकी पेट्रोल के दाम डेढ़ गुना हो गए। राज्य सरकार द्वारा 12 साल से वाहन एवं मकान किराया भत्ता नही बढ़ाया गया है।
कर्मचारी संघ ने आरोप लगाते हुए कहा कि 2016 से सातवां वेतनमान लागू है, बावजूद इसके कर्मचारियों को छठे वेतनमान के हिसाब से भत्ते मिल रहे है। 8 साल 2 महीने में गृह भाड़ा भत्ता न बढ़ाने पर 2 लाख 34 हजार से 10 लाख 27 हजार रूपए नुकसान चतुर्थ श्रेणी से लेकर प्रथम श्रेणी अधिकारी को हुआ। वर्तमान में 2185 से लेकर 9594 महीने का गृह भाड़ा भत्ते में नुकसान हो रहा है। केंद्रीय कर्मचारियों को वाहन भत्ते के लिए 2628 रुपए मिलते है और राज्य के कर्मचारी को दो सौ रूपए दिए जाते है ऐसे में महीने का 2428 का नुकसान हो रहा है। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया कि प्रदेश के कर्मचारियों को इस भीषण महंगाई में भी 12 साल से छठवें वेतनमान के बाद सितंबर 2012 से वाहन भत्ता दो सौ और मकान किराया भत्ता 1075 रुपए, 3 प्रतिशत की दर से आज 2024 में भी मिल रहा है, जबकि 2016 से सातवां वेतनमान लागू हो गया है। सातवां वेतनमान लागू होने के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों को वाहन भत्ता 18 सौ रूपए व उस पर 46 फीसदी महंगाई भत्ता मिलाकर 2628 रुपए वाहन भत्ते के रूप में मिल रहे हैं, वहीं मध्य प्रदेश के चार महानगर में कार्यरत कर्मचारी को मात्र दो सौ महीना वाहन भत्ते के रूप में मिलते हैं।
तिवारी ने बताया कि महंगाई भत्ता, राहत,वाहन भत्ता मकान किराया वृद्धि को लेकर 9 फरवरी शुक्रवार को राज्य मंत्रालय पर तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा। संघ ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों की अनदेखी करने पर रोष व्यक्त करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री से कर्मचारियों की मांगों पर तत्काल निर्णय लेने की अपील की है।