भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों की पहचान करने चलाया जाएगा अभियान

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भोपाल। भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों की पहचान करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। राजधानी भोपाल में 10 मार्च तक इस अभियान के तहत बच्चों की पहचान की जाएगी और पहचान कर डाटावेस तैयार कर इन बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया जाएगा।
भोपाल कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के निर्देशन में जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज सिंह ने स्माइल बेगरी स्कीम के अंतर्गत सोमवार को भोपाल जिले में चलाए जा रहे हैं भिक्षावृत्ति उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान सीईओ सिंह ने कहा कि भोपाल जिले में भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों की पहचान के लिए सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में श्रम विभाग, नगर निगम, महिला एवं बाल विकास, स्कूल शिक्षा सहित अन्य संबंधित विभाग के संयुक्त दल बनाकर भोपाल शहर में बच्चों को चिन्हित करने के लिए अभियान चलाया जाए। भोपाल शहर में सभी चौराहों, धार्मिक स्थल, रेल्वे स्टेशन, बस स्टैण्ड एवं अन्य ऐसे स्थान यहाँ पर बच्चे सड़क पर भिक्षावृत्ति करते हैं उनकी पहचान की जाए एवं फोटो पहचान के साथ उनका डाटावेस तैयार किया जाए, यह कार्य 10 मार्च तक पूरा कर लिया जाए ताकि भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए आगामी विकास योजना पर कार्य किया जा सके। सबसे पहले पहचान के लिए सर्वे किया जाएगा तत्पश्चात मोबालाइजेशन एवं पुनर्वास और आजीविका की दिशा में कार्य किया जाएगा।
उल्लेखनीय है सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा स्माइल बेगरी योजना  के अंतर्गत बड़े पैमाने पर भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों का पुनर्वास, चिकित्सा सुविधाओं का प्रावधान, परामर्श, बुनियादी दस्तावेज़, शिक्षा, कौशल विकास आदि को शामिल किया गया हैं। इस स्कीम के अंतर्गत पूरे देश में पायलेट प्रोजेक्ट के अंतर्गत 50 जिलों को चुना गया हैं, जिसमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सांची जिला रायसेन का चयन किया गया हैं। इसके अंतर्गत भोपाल जिले में भिक्षुक गृह खोलना प्रस्तावित हैं।

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