भोपाल। राजधानी में त्रिवेन्द्रम के चिकित्सक जयकुमार मेनन ने एक कार्यशाला में आवाज और गले में निगलने की परेशानियों का सामना कर रहे मरीजों को उससे बचने के तरीके बताए। उन्होंने बताया कि आवाज की देखभाल कैसे की जाए। मेनन ने स्वर यंत्र को देखने की विधा भी सीखाई।
राजधानी भोपाल में दिव्य एडवांस्ड ईएनटी क्लिनिक की और से एक कार्यशला का आयोजन किया था। कार्यशाला में त्रिवेन्द्रम के चिकित्सक जयकुमार मेनन मुख्य रूप से उपस्थित थे। मेनन का पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मान किया। कार्यशाला में चिकित्सक जयकुमार मेनन ने आवाज और निगलने की बीमारियां के बारे में एक वर्कशॉप आयोजित की गई। वर्कशाप वोकल कार्ड के पैरालिसिस का उपचार किया गया। कार्यशाला में ऐसे मरीजों को, जिनको स्ट्रोक के कारण निगलने में परेशानी हो रही थी, उन्हें ऐसी तकनीक बताई गई ताकि पानी पीते समय खांसी न आए और जल्द से जल्द उनकी रॉयल्स ट्यूब निकल जाए। गायक और प्रोफेशनल आवाज देने वाले कैसे अपने आवाज की देखभाल करें इस पर विख्यात चिकित्सक डॉ जयकुमार मेनन ने व्याख्यान दिया। ईएनटी चिकित्सकों ने स्वर यंत्र को देखने की विधा सीखी। ईएनटी सर्जन के अलावा बड़ी संख्या में ध्रुपद संस्थान के विद्यार्थियों ने कार्यशाला में भाग लिया और सही गायन की तकनीक सीखी।आवाज के पीछे के विज्ञान को समझा। जैसे कि गले से नहीं पेट से बोलना चाहिए। बड़ा मुंह खोलने और निचले जबड़े को आगे बढ़ाने से आवाज में ताकत आती है। पानी पीना स्वर यंत्र के लिया अच्छा है। महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान अधिक तीव्र गायन से वोकल कार्ड में चोट पहुंच सकती है।