अधिकारियों द्वारा तैयार की रिपोर्ट लौटाई
भोपाल। प्रदेश के हरदा पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट की जांच रिपोर्ट से श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल असंतुष्ट है। उन्होंने अधिकारियों द्वारा तैयार की रिपोर्ट को लौटा दिया। मंत्री ने अधिकारियों से यह भी पूछा कि श्रमिकों की जानकारी उन्होंने किस आधार पर एकत्रित की।
श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने यह जानकारी आज मीडिया से चर्चा करते हुए दी। हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट की रिपोर्ट को लेकर मंत्री ने कहा कि कल अधिकारियों ने बैठक में यह रिपोर्ट रखी थी, जिसे मैंने उन्हें वापस लौटा दिया। मैं खुद उस रिपोर्ट से अंसतुष्ट था। उन्होंने बताया कि यदि 2015 में भी इसी फैक्ट्री में हादसा हुआ था तो श्रमिकों एनरोलमेंट क्यों नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि ब्लास्ट में अभी जो पीड़ित हैं, पब्लिक में उनकी संख्या ज्यादा बताई जा रही है। मंत्री पटेल ने कहा कि मजदूरों की संख्या तो 32 ही है, लेकिन जब सूची ही नहीं हैं, तो सत्यापन कैसे किया? किसी घायल से पूछकर उसे श्रमिक तो नहीं बता सकते न। इंडस्ट्री में काम करने वाले श्रमिकों का नाम ही नहीं है तो उनके साथ न्याय कैसे होगा। उन्होंने कहा कि हरदा कलेक्टर या विभाग के पास कोई पेपर हो तो दिखाएं। अन्यथा हमें अपने मैकेनिज्म पर विचार करना करना पड़ेगा। क्या तरीका अपनाएं कि प्रभावित परिवारों को न्याय मिल सके। साथ ही जांच में हुई देरी पर भी चिंता जताई। कहा, गड़बड़ी करने वाले अफसरों को सेवा करने का अधिकार नहीं है।
श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाने का फैसला
मंत्री ने बताया कि बीड़ी, अगरबत्ती, खेती का काम करने वाले श्रमिकों की मजदूरी 25 फीसदी बढ़ाने के फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कहा, बढ़ी हुई मजदूरी 1 अप्रैल से मिलेगी। उन्होंने बताया कि अकुशल श्रमिकों को 11450, अर्ध कुशल श्रमिकों को 12446 और खेतिहर मजदूरों को 916 रुपए मासिक। इसी के साथ हर 5 साल में वेज रिवीजन करने का प्रावधान है। मध्य प्रदेश में 2014 के बाद मजदूरी नहीं बढ़ी थी। उन्होंने भोपाल नगर निगम में संबल योजना के नाम पर हुए फर्जीवाड़े पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी मिली है। नगर निगम के 6 अधिकारी निलंबित किए गए हैं।
भोपाल। प्रदेश के हरदा पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट की जांच रिपोर्ट से श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल असंतुष्ट है। उन्होंने अधिकारियों द्वारा तैयार की रिपोर्ट को लौटा दिया। मंत्री ने अधिकारियों से यह भी पूछा कि श्रमिकों की जानकारी उन्होंने किस आधार पर एकत्रित की।
श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने यह जानकारी आज मीडिया से चर्चा करते हुए दी। हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट की रिपोर्ट को लेकर मंत्री ने कहा कि कल अधिकारियों ने बैठक में यह रिपोर्ट रखी थी, जिसे मैंने उन्हें वापस लौटा दिया। मैं खुद उस रिपोर्ट से अंसतुष्ट था। उन्होंने बताया कि यदि 2015 में भी इसी फैक्ट्री में हादसा हुआ था तो श्रमिकों एनरोलमेंट क्यों नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि ब्लास्ट में अभी जो पीड़ित हैं, पब्लिक में उनकी संख्या ज्यादा बताई जा रही है। मंत्री पटेल ने कहा कि मजदूरों की संख्या तो 32 ही है, लेकिन जब सूची ही नहीं हैं, तो सत्यापन कैसे किया? किसी घायल से पूछकर उसे श्रमिक तो नहीं बता सकते न। इंडस्ट्री में काम करने वाले श्रमिकों का नाम ही नहीं है तो उनके साथ न्याय कैसे होगा। उन्होंने कहा कि हरदा कलेक्टर या विभाग के पास कोई पेपर हो तो दिखाएं। अन्यथा हमें अपने मैकेनिज्म पर विचार करना करना पड़ेगा। क्या तरीका अपनाएं कि प्रभावित परिवारों को न्याय मिल सके। साथ ही जांच में हुई देरी पर भी चिंता जताई। कहा, गड़बड़ी करने वाले अफसरों को सेवा करने का अधिकार नहीं है।
श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाने का फैसला
मंत्री ने बताया कि बीड़ी, अगरबत्ती, खेती का काम करने वाले श्रमिकों की मजदूरी 25 फीसदी बढ़ाने के फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कहा, बढ़ी हुई मजदूरी 1 अप्रैल से मिलेगी। उन्होंने बताया कि अकुशल श्रमिकों को 11450, अर्ध कुशल श्रमिकों को 12446 और खेतिहर मजदूरों को 916 रुपए मासिक। इसी के साथ हर 5 साल में वेज रिवीजन करने का प्रावधान है। मध्य प्रदेश में 2014 के बाद मजदूरी नहीं बढ़ी थी। उन्होंने भोपाल नगर निगम में संबल योजना के नाम पर हुए फर्जीवाड़े पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी मिली है। नगर निगम के 6 अधिकारी निलंबित किए गए हैं।