कलबुर्गी. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े क ा कहना है कि पार्टी इस समय रुपयों की कमी से जूझ रही है. कांग्रेस ने जिन बैंक खातों में डोनेशन से मिला रुपया है, उसे भाजपा सरकार ने उन अकाउंट को फ्रीज कर दिया है. यह हमारी पार्टी का पैसा था जो आम लोगों ने चंदे के रूप में दिया था. अब हमारे पास खर्च करने के लिए पैसे नहीं हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष श्री खडग़े ने आगे कहा कि हमारे पार्टी के चार बैंक अकाउंट बंद किए गए हैं. इसमें यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस, दिल्ली कांग्रेस व एआईसीसी के अकाउंट शामिल हैं. अगर इस तरह अकाउंट बंद किए जाएं तो क्या ये निष्पक्ष चुनाव होगा. गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी को इनकम टैक्स विभाग ने 13 फरवरी को 105 करोड़ के बकाया टैक्स की वसूली के लिए नोटिस भेजा था. डिपार्टमेंट ने कांग्रेस पर 210 करोड़ का जुर्माना लगाया और बैंक खाते फ्रीज कर दिए थे. इनकम टैक्स की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस नेता और वकील विवेक तन्खा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई. कोर्ट ने कांग्रेस के बैंक खातों पर एक्शन को रोकने की याचिका खारिज कर दी है. जस्टिस यशवंत वर्मा व जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल के फैसले को छेडऩे का कोई कारण दिखाई नहीं दे रही है. अपीलेट ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा था कि भाजपा सरकार ने जानबूझकर इसके लिए लोकसभा चुनावों का समय चुना है. कांग्रेस के फंड को रोकना लोकतंत्र पर हमला है क्योंकि यह चुनावों से ठीक पहले आया है. ऐसी हालत में कोई निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद कैसे कर सकता है जब आयकर अधिकारियों ने कांग्रेस पार्टी के खातों से 270 करोड़ रुपए का अमाउंट जब्त कर लिया है. कांग्रेस कानूनी सेल हेड विवेक तन्खा ने कहा कि हमें इस समय एक सुरक्षा आदेश की जरूरत है. पार्टियां व चुनाव आते-जाते रहेंगे लेकिन राजस्व सरकार का एक विभाग है. भारत को कानून के अनुसार चलना होगा. अगर केवल एक ही पार्टी होगी तो लोकतंत्र कैसे बचेगा. अगर रोक नहीं लगाई तो चुनाव से पहले पार्टी वित्तीय संकट में होगी. उन्होंने यह भी कहा कि हम इंनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल के आदेश से निराश हैं. उन्होंने 20 प्रतिशत जुर्माने के भुगतान पर राहत देने में अपनी पिछली परंपरा का पालन नहीं किया है वह भी एक राष्ट्रीय पार्टी को जो लोकसभा चुनाव लडऩे वाली है. कांग्रेस ने पहले आयकर अधिकारियों के फैसले को कर आतंकवाद टैक्स टेररिज्म बताया था. जो आम चुनाव से पहले केवल प्रमुख विपक्षी दल के फंड को कमजोर करने के लिए किया गया था. कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया था कि आयकर विभाग ने उसके बैंक खातों से 65 करोड़ रुपए निकाले हैं. कांग्रेस ने यह भी दावा किया था कि उसके 205 करोड़ रुपए फ्रीज कर दिए हैं.