सम्मेद शिखर पार्श्वनाथ पहाड़ी को पर्यटन मुक्त कराएं

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भाजपा विधायक ने लिखा राष्ट्रपति को पत्र
भोपाल। झारखंड स्थित जैन समाज के तीर्थस्थल श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल न घोषित करते हुए तीर्थ क्षेत्र घोषित करने की मांग तेज होने लगी है। इसे लेकर अब भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्हांेने जैन तीर्थ सम्मेद शिखर पार्श्वनाथ पहाड़ी को पर्यटन मुक्त कराने के लिए वैधानिक हस्तक्षेप करने की मांग की है।
भाजपा विधायक त्रिपाठी ने आग्रह है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं तथा सभी धर्मों के अनुयायियों को अपने धर्म के अनुसार उसके पालन की स्वतंत्रता प्राप्त है। अतः धर्म के प्रति आस्था की प्रधानता है। साथ ही साथ संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार अल्पसंख्यकों को उनकी संरक्षा के विशेष उपबंध भी लागू हैं। सम्मेद शिखर पर जैन समाज के पवित्र तीर्थ शिखर जी है, जहां जैन समाज के 24 तीर्थंकर में से 20 तीर्थंकरों ने निर्वाण प्राप्त किया है। विशेष रूप से 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ जी ने यहीं निर्वाण प्राप्त किया है। इसलिए यह स्थान जैन संप्रदाय के लिए विशेष महत्व का है। जैन समाज झारखंड सरकार द्वारा इस स्थान को पर्यटन स्थल घोषित करने के खिलाफ है, क्योंकि उसे आशंका है कि ऐसा होने से जैन तीर्थ की पवित्रता प्रभावित होगी, जिससे श्रद्धालुओं की आस्था प्रभावित होगी। अतः आस्था बनाए रखने के लिए पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है।
पवित्र तीर्थस्थलों पर पर्यटन गतिविधियां उचित नहीं
उन्होंने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है कि जैन समाज की आस्था से जुड़ी इस जायज मांग पर झारखंड सरकार को आपके माध्यम से निर्देशित करने का संवेदनशील आग्रह मेरे द्वारा आपसे किया जाता है। वैसे भी पवित्र तीर्थक्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियां उचित नहीं हैं। अतः आपसे अनुरोध है कि एकजुट जैन समाज के आस्था के केन्द्र पवित्र तीर्थ सम्मेद शिखर पार्श्वनाथ पहाड़ी को पर्यटन मुक्त स्थल करने हेतु श्रद्धालुओं की आस्था के अनुरूप पवित्रता को बनाए रखने के लिए झारखंड सरकार को पुनः सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का निर्देश दें।

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