पूर्व विधायक तिवारी ने ली कांग्रेस की सदस्यता
भोपाल। लोकसभा चुनाव के पहले चल रहे दल-बदल के दौर में बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जा रहे हैं। इस स्थिति में आज कांग्रेस को एक पूर्व विधायक ने थोड़ी सी राहत दी है। पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। तिवारी रीवा जिले की मऊगंज विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं। उन्हें प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी को पार्टी की सदस्यता दिलवाई है। लक्ष्मण तिवारी रीवा के मऊगंज विधानसभा से भारतीय जनशक्ति पार्टी से विधायक रहे हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में यह पहली बार होगा जब कोई प्रदेश में पूर्व विधायक कांग्रेस में शामिल हुआ है। तिवारी 2008 में उमा भारती की पार्टी भारतीय जनशक्ति पार्टी से विधायक चुने गए थे, 2013 विधानसभा से पहले उमा भारती ने भारतीय जनशक्ति पार्टी का भाजपा विलय कर लिया था, जिसके बाद लक्ष्मण तिवारी को 2013 में रीवा की मऊगंज सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन कांग्रेस के उम्मीदवार सुखेन्द्र सिंह बन्ना से चुनाव हार गए। 2018 में पार्टी ने लक्ष्मण तिवारी को टिकट नहीं दिया जिसके बाद वो भाजपा से बागी हो गए 2018 में मऊगंज सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें 10 हजार के करीब वोट मिले। इसके बाद 2023 में लक्ष्मण तिवारी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। समाजवादी पार्टी ने उन्हें सिरमौर से अपना प्रत्याशी बनाया था। चुनाव में उन्हें मात्र 2 हजार वोट मिले थे।
भोपाल। लोकसभा चुनाव के पहले चल रहे दल-बदल के दौर में बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जा रहे हैं। इस स्थिति में आज कांग्रेस को एक पूर्व विधायक ने थोड़ी सी राहत दी है। पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। तिवारी रीवा जिले की मऊगंज विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं। उन्हें प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी को पार्टी की सदस्यता दिलवाई है। लक्ष्मण तिवारी रीवा के मऊगंज विधानसभा से भारतीय जनशक्ति पार्टी से विधायक रहे हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में यह पहली बार होगा जब कोई प्रदेश में पूर्व विधायक कांग्रेस में शामिल हुआ है। तिवारी 2008 में उमा भारती की पार्टी भारतीय जनशक्ति पार्टी से विधायक चुने गए थे, 2013 विधानसभा से पहले उमा भारती ने भारतीय जनशक्ति पार्टी का भाजपा विलय कर लिया था, जिसके बाद लक्ष्मण तिवारी को 2013 में रीवा की मऊगंज सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन कांग्रेस के उम्मीदवार सुखेन्द्र सिंह बन्ना से चुनाव हार गए। 2018 में पार्टी ने लक्ष्मण तिवारी को टिकट नहीं दिया जिसके बाद वो भाजपा से बागी हो गए 2018 में मऊगंज सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें 10 हजार के करीब वोट मिले। इसके बाद 2023 में लक्ष्मण तिवारी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। समाजवादी पार्टी ने उन्हें सिरमौर से अपना प्रत्याशी बनाया था। चुनाव में उन्हें मात्र 2 हजार वोट मिले थे।