आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, अतिथि शिक्षक होंगे विशेश पुलिस अधिकारी के रूप में नियुक्त

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भोपाल। निर्वाचन आयोग ने कहा कि प्रदेश में चुनाव के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं अतिथि शिक्षकों को विशेष पुलिस अधिकारी  के रूप में नियुक्त किया जा सकेगा।
आयोग की ओर से आज एक महत्वपूर्ण जानकरी साझा की गई है कि लोकसभा निर्वाचन सम्पन्न कराने के लिये प्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं अतिथि शिक्षकों को विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) के रूप में नियुक्त किया जा सकेगा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मुख्य निर्वाचन अधिकारी, मध्य प्रदेश को 28 मार्च को इस आशय की स्वीकृति दे दी गई है। ध्यान रहे आयोग द्वारा यह स्वीकृति सिर्फ इसी लोकसभा निर्वाचन के लिये दी गई है।
मीडिया सही जानकारी पहुंचाएं मतदाता तक
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने प्रशासन अकादमी में आयोजित राज्य स्तरीय मीडिया वर्कशॉप में कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में मीडिया की अहम भूमिका है। मीडिया निर्वाचन संबंधी तथ्यात्मक एवं सही जानकारी पाठकों तक पहुंचाएँ। आयोग का प्रयास है कि मीडिया को निर्वाचन संबंधी सभी अपडेट जानकारियाँ दी जाएं। राजन ने कहा कि सभी मतदाताओं को मतदान के लिये प्रेरित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस कार्य में मीडिया का सहयोग अत्यंत आवश्यक है। मतदाता जागरूकता अभियान में मीडिया भी सहभागिता करे। उन्होंने ने कहा कि वे लगातार मीडिया के संपर्क में रहते हैं, जिससे उनकी शंकाओं का समाधान किया जा सके और पाठकों तक सही जानकारियाँ पहुंचे।
पत्रकार आयोग के आंख और कान
संयुक्त निर्वाचन पदाधिकारी मनोज खत्री ने कहा कि पत्रकार आयोग के आँख और कान हैं। उन्होंने कहा कि आपके माध्यम से आयोग को ऐसी जानकारियाँ मिल जाती हैं, जो कई बार प्रशासन की नजरों में नहीं आ पाती हैं। खत्री ने कहा कि एमसीएमसी कमेटी के अनुमोदन के बाद ही राजनैतिक विज्ञापन जारी किये जाएं। विज्ञापन समाचार के रूप में नहीं देना चाहिए। उन्होंने पत्रकारों से नेशनल मीडिया अवार्ड के लिये नामांकन दर्ज करने का भी आग्रह किया।

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