बीते 3 साल में देश प्रदेश से लेकर गांव-गांव तक नि:शुल्क भेंट की पुस्तक मेरा बेतूल
बैतूल जिले पर केन्द्रीत ज्ञानउपयोगी पुस्तक को शासन- प्रशासन ने खरीदने से किया इंकार तो पुस्तक के लेखक ने दिखाई दरियादिली
बैतूल। जिले के लेखक एवं पत्रकार रामकिशोर पंवार द्वारा चार साल पूर्व लिखी बैतूल जिले के 200 साल के गौरवशाली इतिहास को समर्पित जिले की सम्पूर्ण जानकारी से भरपूर पुस्तक मेरा बेतूल को जिले के स्कूलो एवं पुस्तकालय में खरीदने के निवेदन पर मध्यप्रदेश शासन से लेकर जिला प्रशासन द्वारा कोई उचित पहल नहीं की गई तो पुस्तक के लेखक ने अपनी पुस्तक मेरा बेतूल की एक दो नहीं बल्कि तीन हजार से अधिक पुस्तके देश के प्रधानमंत्री से लेकर खास – आम आदमी तक को नि:शुल्क बाट डाली। पुुस्तक के विमोचन के समय बैतूल के विधायक निलय डागा द्वारा एक लाख रूपये की पुस्तक खरीदने के बाद जिले के किसी भी जनप्रतिनिधि ने न तो स्वंय अपनी जेब से पुस्तक खरीदी और न शासन – प्रशासन से पहल कर उक्त पुस्तक जिले के स्कूलो में बच्चो को जिले की जानकारी से भरपूर पुस्तक को खरीदने दी। दुर्भाग्य इस बात का रहा कि जिले के सासंद ने अपनी निधि से 20 लाख रूपये की पुस्तके जिले में बाहर के प्रकाशन एवं लेखको की खरीद डाली। बैतूल जिले के वरिष्ठ पत्रकार लेखक रामकिशोर दयाराम पंवार रोंढ़ावाला की लिखी पुस्तक की देश के प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी तारीफ करते हुए पुस्तक को बहुउपयोगी बताया। पुस्तक में पीएम से लेकर सीएम तक का शुभकामना संदेश छपा है। पुस्तक मेरा बैतूल का तीसरा संस्करण अब तक प्रकाशित हो चुका है। पुस्तक के लेखक रामकिशोर दयाराम पंवार रोंढ़ावाला द्वारा लिखी यह पुस्तक बैतूल जिले की एक मात्र ऐसी पुस्तक है जिसमें बैतूल जिले का भगौलिक पुरात्तव, धार्मिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं प्रशासकीय जानकारी दी गई है। बीएमपी पब्लिकेशन फरिादाबाद हरियाणा से प्रकाशित पुस्तक मेरा बेतूल जो कि 219 पेज की है।
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एक दुर्घटना में नि:शक्तहुए पत्रकार लेखक श्री रामकिशोर दयाराम पंवार रोंढ़ावाला की लिखी पुस्तक मेरा बेतूल अखण्ड भारत के केन्द्र बिन्दु में बसे मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले का 200 साल पुराना इतिहास एवं वर्तमान का परिचय कराती है। बैतूल जिले में चार दशक से पत्रकारिता एवं लेखन के कार्य में जुड़े पत्रकार रामकिशोर पंवार की अभी तक पांच पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है। श्री पंवार बैतूल जिले के एक मात्र पत्रकार एवं लेखक है जिनकी पुस्तके जिले से लेकर प्रदेश – देश – विदेश तक पहुंची है। श्री पंवार अभी तक अपनी पुस्तक की तीन हजार से अधिक प्रतिया नि:शुल्क भेट कर चुके है।
श्री पंवार ने बताया कि पुस्तक की छपाई का खर्च उन्हे पुस्तक को मिले विज्ञापन एवं श्री डागा के द्वारा दी गई एक लाख रूपये की राशी तथा कुछ स्वाभीमानी व्यक्तियो द्वारा पुस्तक खरीदने से प्राप्त हुई राशी से किया गया। श्री पंवार ने पुस्तकालयो एवं अन्य संस्थानो को एक से अधिक प्रतिया भेट कर चुके है। श्री पंवार ने अपनी पुस्तक की प्रति वैवाहिक कार्यक्रमो में वर- वधु के साथ – साथ जन्मदिन एवं अन्य कार्यक्रमो में उपहार के रूप में देना शुरू कर दिया है। श्री पंवार का कहना है कि मै रहूं या न रहूं मेरी पुस्तक लोगो के पास रहेगी और पुस्तक के बहाने मैं याद आता रहूंगा। 23 मई 2024 को वे अपने 60 वे जन्मदिन पर 60 पुस्तके सप्रे्रम भेट करने जा रहे है। श्री पंवार ने बताया कि मैंने जो लिखा है वह बेजोड़ है जबसे अग्रेंजो ने बदनूर को बेतूल बनाया उस समय 1822 से लेकर 2024 तक के 202 साल के इतिहास में किसी ने भी इतनी जानकारी को लेकर कोई पुस्तक का न तो लेखन किया और न संपादन किया। जिले के नाम एवं काम को समर्पित इस पुस्तक के माध्यम से पत्रकार रामकिशोर दयाराम पंवार रोंढ़ावाला जिले की सचित्र ज्ञानवद्र्धक जानकारी पहुंचाने का काम कर रहे है।