भोपाल। लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत प्रदेश की 8 संसदीय सीटों पर होने वाले मतदान के पहले शनिवार शाम 6 बजे चुनाव प्रचार का शोर थम गया। इस चरण में मध्य प्रदेश के 8 संसदीय क्षेत्रों देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगोन और खंडवा में 13 तारीख को मतदान होना है। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन आज भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेताओं ने जमकर चुनाव प्रचार कर सभाएं ली।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में मतदान समाप्ति के लिए निर्धारित समय के 48 घंटे से पहले से चुनाव प्रचार बंद करने का प्रावधान है। प्रचार-प्रसार समाप्त होने की समय-सीमा के बाद बाहरी क्षेत्र के उन व्यक्तियों को, जो उस लोकसभा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं, उन्हें वह निर्वाचन क्षेत्र छोड़ना होगा। इस हेतु जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा सघन निगरानी अभियान भी चलाया जाता है। इन आठों संसदीय क्षेत्रों पर कुल 74 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इनमें देवास और मंदसौर में 8-8, खंडवा में 11, खरगोन में 5, रतलाम में 12, धार में 7, इंदौर में 14 और उज्जैन में 9 प्रत्याशी शामिल हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी ना होने पर भी चर्चा में इंदौर
इंदौर संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के नामांकन वापस लेने के बाद अब यहां पर कांग्रेस प्रत्याशी मैदान में नहीं है। मगर कांग्रेस ने नोटा अभियान चलाकर इस सीट को चर्चा में ला दिया है। भाजपा प्रत्याशी को यहां पर किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है, मगर कांग्रेस के नोटा अभियान के कारण चिंता बढ़ गई है। हालांकि भाजपा कार्यकर्ता भी घर-घर जाकर नोटा का विरोध कर रहे हैं।
रैली निकालने के दिए निर्देश
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने चतुर्थ चरण में जिन संसदीय क्षेत्र में मतदान होना है, उनसे संबंधित जिलों के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सभी विभागों के समन्वय से “चलें बूथ की ओर“ अभियान गंभीरता पूर्वक चलाएं। उन्होंने कहा है कि मतदान के एक दिन पहले 12 मई को प्रत्येक मतदान केंद्र के क्षेत्र में रैली की जाए, जिससे मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित किया जा सके।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में मतदान समाप्ति के लिए निर्धारित समय के 48 घंटे से पहले से चुनाव प्रचार बंद करने का प्रावधान है। प्रचार-प्रसार समाप्त होने की समय-सीमा के बाद बाहरी क्षेत्र के उन व्यक्तियों को, जो उस लोकसभा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं, उन्हें वह निर्वाचन क्षेत्र छोड़ना होगा। इस हेतु जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा सघन निगरानी अभियान भी चलाया जाता है। इन आठों संसदीय क्षेत्रों पर कुल 74 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इनमें देवास और मंदसौर में 8-8, खंडवा में 11, खरगोन में 5, रतलाम में 12, धार में 7, इंदौर में 14 और उज्जैन में 9 प्रत्याशी शामिल हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी ना होने पर भी चर्चा में इंदौर
इंदौर संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के नामांकन वापस लेने के बाद अब यहां पर कांग्रेस प्रत्याशी मैदान में नहीं है। मगर कांग्रेस ने नोटा अभियान चलाकर इस सीट को चर्चा में ला दिया है। भाजपा प्रत्याशी को यहां पर किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है, मगर कांग्रेस के नोटा अभियान के कारण चिंता बढ़ गई है। हालांकि भाजपा कार्यकर्ता भी घर-घर जाकर नोटा का विरोध कर रहे हैं।
रैली निकालने के दिए निर्देश
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने चतुर्थ चरण में जिन संसदीय क्षेत्र में मतदान होना है, उनसे संबंधित जिलों के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सभी विभागों के समन्वय से “चलें बूथ की ओर“ अभियान गंभीरता पूर्वक चलाएं। उन्होंने कहा है कि मतदान के एक दिन पहले 12 मई को प्रत्येक मतदान केंद्र के क्षेत्र में रैली की जाए, जिससे मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित किया जा सके।