पुलिस कार्रवाई में कत्ल को हत्या, अदालत को न्यायालय लिखा जाएगा

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पुलिस ने गढ़ा नया शब्दकोश, अब नहीं होगा उर्दू, फारसी शब्दों का उपयोग
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस ने एफआईआर में दर्ज उर्दू, फारसी के शब्दों के स्थान पर हिन्दी शब्द लिखने के आदेश जारी कर दिए है। पुलिस मुख्यालय ने इस आशय के आदेश जारी कर नई शब्दावली तय करते हुए 69 शब्दों को हटाकर उनके स्थान पर हिन्दी भाषा के शब्दों का उपयोग करने की बात कही है। अब एफआईआर में अदालत को न्यायालय, कैदखाने को बंदीगृह, बयान को कथन, कत्ल को हत्या लिखा जाएगा।
पुलिस द्वारा लंबे समय से अंग्रेजों के जमाने से चलन में आए हुए उर्दू और फारसी के शब्दों का हिंदी रुपातंरण खोज रही थी। इसके चलते पुलिस के विकास के साथ-साथ अपराध के अनुसंधान के तरीके बदल गए, लेकिन इन शब्दों को अब तक नहीं बदला गया है। अब पुलिस आम दिनों में उपयोग में आने वाली पुलिसिया भाषा के हिंदी शब्दों को बदलने के लिए पुलिस ने ष्नया ष्शब्दकोश गढ़ लिया है। उर्दू और फारसी भाषा के शब्दों के स्थान पर अब हिन्दी के शब्द एफआईआर में उपयोग करने की बात कही है। इस आशय के आदेश भी पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी कर दिए गए हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पवन श्रीवास्तव ने इस आशय के आदेश प्रदेश के पुलिस अधिकारियों को जारी किए हैं। आदेश में कहा गया है कि पुलिस विभाग द्वारा कार्यवाही के दौरान उर्दू, फारसी, अन्य भाषाओं के शब्दों का उपयोग किया जा रहा है। अब पुलिस द्वारा गैर हिन्दी शब्दों के स्थान पर हिन्दी शब्दों का उपयोग किया जाए। आदेश के साथ 69 शब्दों की सूची भी जारी की है, जिसमें यह बताया गया है कि किन शब्दों के स्थान पर किन हिन्दी शब्दों का उपयोग किया जाना है।
पुलिस कार्रवाई में लिखने होंगे ये हिन्दी शब्द
ताजिरात-ए-हिंद को भारतीय दंड संहिता, जाप्ता फौजदारी को दंड प्रक्रिया संहिता, अदालत  को न्यायालय, कैदखाना को बंदी गृह, हाजिर/गैरहाजिर को उपस्थित/अनुपस्थित, तफ्तीश/तहकीकात को अनुसंधान/जांच, तहरीर को लिखित/लेखीय विवरण, इस्तगासा को दावा, परिवाद,  इरादतन को साशय, कब्जा को आधिपत्य, कत्ल/कातिल/कतिलाना : हत्या,वध/हत्यारा/प्राणघातक, गुजारिश  को प्रार्थना, निवेदन, गिरफ्तार/हिरासत को अभिरक्षा, नकबजनी को गृहभेदन, सेंधमारी, चश्मदीद गवाह को प्रत्यक्षदर्शी, साक्षी, बयान को कथन, फरियादी को आवेदक, शिकायतकर्ता, हलफनामा को शपथ पत्र, फैसला को निर्णय, फौत को मृत्यु,  सजा/बरी को दोषसिद्ध/दोषमुक्त, मुकीम को रुकना, ठहरना, माकूल को उचित, मुल्जिम/मुजरिम : आरोपी/अपराधी, अदम चैक को असंज्ञेय, पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य अपराध की सूचना, जुर्म, (जरायम) दफा को अपराध, धारा, आमद/रवाना को रवानगी आगमन, प्रस्थान, इजाफा को वृद्धि, बढ़ाना, कायमी को पंजीयन, कैफीयत/मजनून/तफसील : विवरण, विस्तृत विवरण, इत्तिला/इत्तिलान : सूचना/सूचनार्थ इमरोजा को आज दिनांक, इमदाद को मदद सहायता, तामील/अदम तामील : सूचना/सूचित न होना, म्याद को समय सीमा, अवधि, खारिज/खारिजी को रद्द निरस्त/निरस्तीकरण, खून आलूदा को रक्त रंजित, रक्त से सना हुआ, खैरियत को कुशलता, गवाह/गवाहन को साक्षी/साक्षीगण, जमानत/मुचलका को प्रतिभूति/बंध पत्र, जप्त को अभिग्रहण, अधिग्रहण, जरिए को माध्यम, तहत को अंतर्गत, जख्म/जख्मी/मजरूब को चोट, घाव/घायल, आहत, ताकीद/हिदायत : चेतावनी, समझाइश, तफतीश कुनिंदा को विवेचक, अनुसंधानकर्ता, अन्वेषक, तब्दील को परिवर्तित, परिवर्तन, थाना हाजा को आरक्षी केंद्र पर उपस्थित, दस्तावेज को प्रपत्र अभिलेख, दस्तयाब को खोज लेना, बरामद, दीगर को अन्य दूसरा, मौका-ए-वारदात को घटनास्थल, नजीर को दृष्टांत, परवाना को परिपत्र, अधिपत्र, मशरुका को संपत्ति, मुतफर्रिक को विविध, मर्ग को अकाल मृत्यु, मंजूरशुदा को स्वीकृत, शिनाख्त को पहचान सहवन को भूलवश, त्रुटिवश, सबूत को साक्ष्य, प्रमाण,  सकुनत/साकिन को पता/निवास, संगीन को गंभीर, हिकमत अमली को विवेकानुसार, हमराह को साथ में, हस्ब जेल को उपरोक्तानुसार, के अनुसार, आला जरब, आला जरर, आला ए कत्ल को घटना, अपराध या हत्या में प्रयुक्त हथियार, गोशवारा  को नक्शा और  दस्तंदाजी/अदम दस्तंदाजी को संज्ञेय/असंज्ञेय लिखा जाएगा।

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