भोपाल। लंबे संघर्ष के बाद कल 15 मई से प्रदेश में नर्सिंग की परीक्षाएं शुरू होंगी। परीक्षा में करीब तीस हजार छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। बीते चार साल से टल रही इस परीक्षा की शुरुआत हाईकोर्ट के आदेश के बाद हुई है।
दरअसल, मध्य प्रदेश में 2020 के बाद से बीते लगभग 4 साल से बीएससी नर्सिंग की कोई परीक्षा नहीं हुई, क्योंकि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉलेजों की जांच के आदेश दिए। इसमें सीबीआई ने भी जांच की. जांच के बाद 3 तरह के कॉलेज पाए गए. इनमें कुछ कॉलेज ऐसे थे, जो पूरी तरह से नियम शर्तों का पालन कर रहे थे। दूसरी कैटेगरी उन कॉलेजों की थी, जिनमें कुछ कमियां थीं. वहीं तीसरी कैटेगरी उन कॉलेजों की थी, जिनमें पूरी तरह फर्जीवाड़ा हुआ था। हाईकोर्ट ने ऐसे कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों को दूसरे कॉलेजों में समायोजित करने के आदेश दिए थे। शुरुआत में फर्जी कॉलेजों के छात्रों को परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी गई थी, लेकिन बाद में कोर्ट ने इन्हें भी एक मौका दिया। कोर्ट के आदेशों के बाद भी छात्र-छात्राओं की परीक्षा का कोई रास्ता नहीं निकल रहा था।इसलिए छात्र-छात्राओं ने अलग-अलग संगठनों के माध्यम से जबलपुर में कई बड़े आंदोलन भी किए। इसमें प्रदेश भर के छात्र-छात्राएं शामिल हुए। इसके साथ ही जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी में भी लगातार आंदोलन चला। अब जाकर इन छात्र-छात्राओं को बीएससी नर्सिंग परीक्षा के प्रथम वर्ष की परीक्षा देने का मौका मिला है।
दरअसल, मध्य प्रदेश में 2020 के बाद से बीते लगभग 4 साल से बीएससी नर्सिंग की कोई परीक्षा नहीं हुई, क्योंकि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉलेजों की जांच के आदेश दिए। इसमें सीबीआई ने भी जांच की. जांच के बाद 3 तरह के कॉलेज पाए गए. इनमें कुछ कॉलेज ऐसे थे, जो पूरी तरह से नियम शर्तों का पालन कर रहे थे। दूसरी कैटेगरी उन कॉलेजों की थी, जिनमें कुछ कमियां थीं. वहीं तीसरी कैटेगरी उन कॉलेजों की थी, जिनमें पूरी तरह फर्जीवाड़ा हुआ था। हाईकोर्ट ने ऐसे कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों को दूसरे कॉलेजों में समायोजित करने के आदेश दिए थे। शुरुआत में फर्जी कॉलेजों के छात्रों को परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी गई थी, लेकिन बाद में कोर्ट ने इन्हें भी एक मौका दिया। कोर्ट के आदेशों के बाद भी छात्र-छात्राओं की परीक्षा का कोई रास्ता नहीं निकल रहा था।इसलिए छात्र-छात्राओं ने अलग-अलग संगठनों के माध्यम से जबलपुर में कई बड़े आंदोलन भी किए। इसमें प्रदेश भर के छात्र-छात्राएं शामिल हुए। इसके साथ ही जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी में भी लगातार आंदोलन चला। अब जाकर इन छात्र-छात्राओं को बीएससी नर्सिंग परीक्षा के प्रथम वर्ष की परीक्षा देने का मौका मिला है।